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26.5.08

भड़ास संचालक मंडल के सदस्य अनिल सिन्हा का निधन

भड़ास संचालक मंडल के सदस्य और आई-नेक्स्ट समूह के मार्केटिंग कम्युनिकेशन हेड अनिल सिन्हा का हार्ट अटैक से निधन हो गया। अटैक तब पड़ा जब वे आई-नेक्स्ट, कानपुर आफिस के लिए लिफ्ट पर चढ़ रहे थे।


श्री सिन्हा भड़ास के उन शुरुवाती साथियों में से रहे हैं जिन्होंने इसे आगे बढ़ाने के लिए हौसला देने के साथ साथ समय समय पर कई तरह से मदद की। वे हमेशा भड़ास की नीतियों को आगे बढ़ाने में सक्रिय रहे। भड़ास जब पहली बार डिलीट हुआ था तो वे बेहद दुखी थे। दुबारा जब भड़ास शुरू किया गया तो वे सबसे पहले आदमी थे जिन्होंने इसकी सदस्यता ली और इसे आगे बढ़ाने और लोगों को इससे जोड़ने में जुटे रहे।

श्री सिन्हा का मेरे पर अपार स्नेह रहा है। बेहद सहज, सरल, औघड़ किस्म के व्यक्तित्व अनिल जी ने जीवन में पत्रकारिता के कई चेहरे देखे और हर स्थितियों में सच के साथ खड़े रहे। कभी भी गलत बात को स्वीकार नहीं किया और न झूठ के साथ कभी खड़े हुए। अपने साहसी व्यक्तित्व वे बेलौस अंदाज के कारण उन्होंने हमेशा मुश्किलों और चुनौतियों को अपने पास बुलाया और उनसे बखूबी लड़े और आगे बढ़े।

मैं भंड़ास संचालक मंडल की तरफ से अपने साथी के निधन पर श्रद्धांजलि देता हूं और ईश्वर से विनती करता हूं कि उनके परिजनों को इतनी ताकत दें जिससे वे इस भारी दुख को सह
सकें।

भड़ास4मीडिया.काम bhadas4media.com में श्री सिन्हा के न रहने की खबर पहले ही दे दी गई है। साथ ही मीडिया से जुड़ी अन्य खबरें भी उसी पोर्टल पर हैं।

डा. रूपेश जी ने मुंबई से फोन पर श्री सिन्हा के न रहने की खबर दी और बाद में मैंने इसकी पुष्टि आईनेक्स्ट के संपादक और सीईओ आलोक सांवल से फोन पर की।

भड़ास के सभी साथियों से मैं अपील करूंगा कि वे अपने साथी को श्रद्धांजलि दें और उनके परिजनों को हौसला प्रदान करने के लिए अपना जुड़ाव व्यक्त करें।

जय भड़ास
जय अनिल सिन्हा

यशवंत

10 comments:

यशवंत सिंह yashwant singh said...

अनिल दादा भड़ास संचालक मंडल में बतौर मुख्य सलाहकार दर्ज हैं। उनके नाम की पट्टी अब भी उपर चल रही है। कानपुर के आईनेक्स्ट के साथियों से अनुरोध करूंगा कि अनिल सिन्हा जी की तस्वीर अगर भेज दें तो उसे भड़ास पर डाल दिया जाए ताकि उन्हें हम सच्चे मन से श्रद्धांजलि दे सकें।
यशवंत

आलोक सिंह रघुंवंशी said...

भड़ास मंडल सदस्य अनिल सिन्हा जी के अचानक निधन की खबर ने हमें झकझोर दिया। आईनेक्स्ट में उनके साथ काम करने का मौका मिला। वे काफी सरल और हंसमुख व्यक्ति थे। अधिक एज होने के बावजूद वे हर काम में आगे बढ़चढ़कर हिस्सा लेते थे। उनके निधन पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।

rajendra said...

anil sinhati ka nidhan bhadas parivar ki apoorniy chhati hai. isvar unki aatma ko santi de or unke parivar ko itni takat ki vah is dukh ko sah sake. me sinhaji ko aapni bhavnhini sradhanjali samrpit karta hu.

अबरार अहमद said...

यह भडास के लिए कभी न पूरी होने वाली एक बडी क्षति है। अनिल सिन्हा जी के निधन से पूरा भडास परिवार शोकाकुल है। इस दुख की घडी में हम सब अनिल जी के परिवार के संग हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को स्वर्ग में जगह दे। मैं भडास मंडल का सलाहकार होने के नाते पूरे भडास परिवार की तरफ से श्रद्धांजलि पेश करता हूं।

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

दादा,अनिल सिन्हा जी दैहिक तौर पर भले ही अब हमारे बीच न रहे हों पर उनका दिया हुआ नैतिक बल हमारे भीतर उन्हे जीवित रखेगा ही, जब उनकी सहयोगी मनीषा ने मुझे ये खबर दी तो मैं दुखी होने ही वाला था कि अचानक मुझे लगा कि शोक कर के मैं एक चिरभड़ासी को हमेशा के लिये खो दूंगा जो कि मैं हरगिज नहीं चाहता इसलिये निजी तौर पर मैं उनके पार्थिव अलगाव पर शोक की औपचारिकता नहीं करूंगा ताकि सिन्हा साहब को मैं भूल न जाऊं कभी भी...... वे मेरे लिये सदा जीवंत रहेंगे.....

Anonymous said...

दादा,
अनिल सिन्हा के निधन से हमें अपुरनीय हुई क्षति है, मगर रुपेश भाई का कथन सत्य है, हमारे साथ हमारे बीच हमारे अनिल भाई मौजूद हैं और उनकी मौजूदगी को हम रिक्त करना नहीं चाहते हैं.

हम दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देते हैं, और इस शोक की घडी में अनिल भाई के परिवार के साथ भडास परिवार है.

जय जय भडास

अनिल भारद्वाज, लुधियाना said...

अनिल सिन्हा जी के निधन से भडास परिवार को गहरा दुख पहुंचा है। इस शोक की घडी में हम सब उनके परिवार के साथ खडे हैं। भगवान अनिल जी की आत्मा को शांति प्रदान करे।

रियाज़ हाशमी said...

अनिल सिन्हा जी का निधन भड़ास परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। दुख की इस घड़ी में भगवान शोक संतप्त परिवार को सहन शक्ति प्रदान करे और दिवंगत आत्मा को शांति एवं स्वर्ग में स्थान दे।

रियाज़

शशिश्रीकान्‍त अवस्‍थी said...

यशवंत भाई अनिल दादा के न रहने का कष्‍ट सारे भडासी भाईयों को है । ये भडास का एक तरह से वैचारिक ही नुकसान नही है बल्कि हम उनके मार्ग दर्शन से भी दूर हो गये । आज सुबह उनकी शव यात्रा अपने घर से भैरवघाट हेतु अन्तिम सफर पर निकल चुकी है । हम भडासी सदैव अपने बीच दादा को महसूस करते रहेगें । बाबा आनन्‍देश्‍वर से प्रार्थना है कि दादा की आत्‍मा को शान्ति प्रदान करते हुयें उनके परिवार को इस कष्‍ट को सहने की शक्ति प्रदान करें । तथा दादा के परिवार से आग्रह है कि हम सब उनके साथ हमेशा खडे रहेगें । भडास संचालक मण्‍डल की तरफ से हार्दिक श्रृद्वाजलि । साथ ही कानपुर से जुडे सभी भडासी भाईयों से अनुरोध है कि वह दादा को श्रृद्वाजलि अर्पित करने हेतु एक स्‍थान पर एकत्रित हो । इस हेतु चाहे भडास के माध्‍यम अथवा फोन द्वारा सभी का सूचित कर लें ।

शशिकान्‍त अवस्‍थी
सलाहकार भडास

गौरव मिश्रा (वाराणसी) said...

jab tak suraj chand reheyga anil sinha ka nam reheyga..........