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28.5.08

और ये रही अविनाश द्वारा दिल्ली पुलिस से की गई शिकायत की मेल

इस मेल को खुद अविनाश ने यशवंत, डा. रूपेश, हृदयेंद्र, मनीष राज और रजनीश के झा के पास भेजा है। इसे मैं भड़ास पर इसलिए प्रकाशित कर रहा हूं कि ब्लागर समुदाय यह देख ले कि यह आदमी किस हद तक गिर सकता है।

ब्लागरों की आजादी की बात कहने वाला यह शख्स, बोलने की आजादी की बात करने वाला यह शख्स खुद तो चाहे जो करो, लेकिन जब दूसरा जवाब दे तो वो पुलिस के पास चला जाता है। यही है इस शख्स का चरित्र। आज पूरी तरह नंगा हो चुका है, इस मेल के बाद।

मैं अपने सभी साथियों से अनुरोध करता हूं कि वो इस मेल से बिलकुल ना डरें। जेल सिर्फ मैं जाऊंगा क्योंकि भड़ास पर लिखी गए हर शब्द के लिए मैं खुद को जिम्मेदार मानता हूं।

मैं अपनी तरफ से कोई शिकायत या कंप्लेन पुलिस में दर्ज नहीं कराऊंगा। हालांकि अविनाश ने जिस कदर मेरी मानहानि की है और जो कुछ लिखा है, और जिस कदर खुद जज बनकर मुकदमे का निपटारा अपने ब्लाग पर करते हुए मुझे शैतान घोषित कर फांसी की सजा सुनाई है, वो अपने आप में हिंदी ब्लागिंग में मिसाल है।

आज के दिन को मैं हिंदी ब्लागिंग का काला दिन मानता हूं जब कथित प्रगतिशील, मठाधीश और ब्लागिंग का दरोगा कहे जाने वाला यह ब्लागर अपनी दाल न गलते देख असल में पुलिस के पास चला गया है।

इसी के साथ मैं ये ऐलान करता हूं कि अविनाश के इस मेल के बाद उसका चेहरे का पूरी तरह पर्दाफाश हो गया है, इसलिए अब उसके खिलाफ कुछ भी कहा जाना बेकार है। अंतः भड़ास पर अब से अविनाश या मोहल्ला को लेकर कोई भी एक शब्द नहीं लिखे, ये मेरा सभी भड़ासियों से अनुरोध है।

अंततः हमारी जीत हुई

कौन सच्चा है, कौन झूठा है, उसका चेहरा सामने आ गया

रही जेल जाने की बात, तो स्टुडेंट पालिटिक्स के दिनों में जाने कितनी बार पुलिस की लाठियां खाई हैं, मार पड़ी है। इसलिए कि हम एक मिशन पर थे। आज भी अगर मैं जेल जाता हूं तो यह एक मिशन के तौर पर होगा और मैं इसके लिए सहर्ष तैयार हूं।

जय भड़ास
यशवंत



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अविनाश द्वारा भेजे गए मेल का संपूर्ण मजमून
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Complain of a Blogger Community

from avinash das avinashonly@gmail.com
19:00 (0 minutes ago)
to Yashwantdelhi@gmail.com, singh.hridayendra@gmail.com, rudrakshanathshrivastava7@gmail.com, manish_rj@yahoo.com, rajneeshjha@gmail.com
date 28 May 2008 19:00
subject Complain of a Blogger Community
mailed-by gmail.com

श्रीमान,

मैं हिंदी का एक आम ब्‍लॉगर हूं। पिछले दिनों बलात्‍कार के एक आरोपी के बारे में जब मैंने अपने ब्‍लॉग पर लिखा - http://mohalla.blogspot.com/2008/05/blog-post_25.html - उसके बाद इस आरोपी ने अपने कम्‍युनिटी ब्‍लॉग पर अपने और अपने साथियों के माध्‍यम से मुझ पर हमले तेज़ कर दिये। ये हमला निजी तौर पर चरित्रहनन से लेकर रंगभेदी टिप्‍पणियों के रूप में किये जा रहे हैं। हमारे ब्‍लॉग पर भी कई नामों से ये ऐसी टिप्‍पणियां कर रहे हैं, जिनके आईपी एड्रेस एक हैं। मैं कुछ लिंक आपको भेज रहा हूं।

http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_44.htmlhttp://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_26.htmlhttp://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_8226.htmlhttp://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_62.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/kaala-kaarnaama-kaaliya-ka-antim-bhag.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_3239.htmlhttp://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_7086.htmlhttp://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_5422.htmlhttp://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_9886.html

ये और इनके साथी जिस आईपी एड्रेसेज़ का इस्‍तेमाल करते हैं - वे हैं 220.226.32.64 और 61.12.30.18 और 59.180.132.85मेरी दिल्‍ली पुलिस से गुज़ारिश है कि मेरी शिक़ायत विधिवत रूप से दर्ज करें और उचित कार्रवाई करके मुझे राहत पहुंचाएं।

भवदीय,

अविनाश
आउटपुट एडिटर,
एनडीटीवी इंडिया
अर्चना कांप्‍लैक्‍स, ग्रेटर कैलाश पार्ट वन
नई दिल्‍ली

5 comments:

Anonymous said...

कूदs कूदs बचवा... पता चलतवs तब बुझाइ... रंगभेदी कानून नइखे नूs... अभी चियर लीडर वाला में का हो रहल बा - पता बा नूs... अभी ले डिलीट ना कइलs... कर ले बाबू जल्‍दी... ना त बर्बाद हो जइबs... मेहरारू के गांवे राखs पड़तवs... बाल-बच्‍चा बेलल्‍ला हो जाइ... बतावs बाबू... कर द डिलीट, चु चु चु...

samvaad said...

bhai sahab yeh kya blog yudh chal raha hai . sach main yeh yudh blog tak hi hai...ya sach main thane main pahunch gaya hai...

Anonymous said...

भैया जी,
आपको धन्यवाद कानून बताने के लिए मगर ई भडासी रुपेश तो और भी बहूत कुछ कहा गया उ पर तो ध्यान देबे नहीं किये. भैये आपको काली चमरी वाला सूअर भी कहा उसका क्या. सुअरों की शिकायत आ गयी है की हमारी तुलना इस गलीज नामाकुल से मत करो ये सूअरों का अपमान है. पूरे सूअर जाती का अपमान है. रुपेश भैया दया करो सूअर पे बेचारे सूअर इतने गिरे हुए नहीं हैं जितना ये कलुआ..........

जय जय भडास

Unknown said...

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J M AGARWAL said...

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