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4.10.08

नेताजी पर भारी पड़ी पुलिस

  • हृदेश अग्रवाल
भारतीय पुलिस ने आज एक बार फिर बता दिया है कि पुलिस कुछ समय के लिए अपराध या नेतागिरी को अनदेखा कर सकती है लेकिन कोई प्रशासन के काम में हस्तक्षेप करे तो फिर शांत नहीं बैठ सकती, चाहे गुंडागर्दी हो या नेतागिरी, क्योंकि पुलिस से बड़ा गुंडा न कोई था और न कोई है। इसका ताजा मामला गत दिवस सागर में नेता की पिटाई को लेकर है।सागर जिले के बीना क्षेत्र में जब रेलवे प्रषासन ने अतिक्रमण हटाना चाहा तो उसी वक्त सागर से भाजपा सांसद वीरेन्द्र कुमार पहुंच गए और वहां जाकर रेलवे प्रशासन के खिलाफ विरोध जताने लगे, लेकिन उनको क्या मालूम था कि प्रषासन के खिलाफ विरोध जताना उनको इतना महंगा पड़ेगा कि वो पुलिस की लठ के शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हो जाएंगे। जब वह रेलवे पर हुए अतिक्रमण को लेकर pradarshan कर रहे थे कि तभी भीड़ में किसी एक व्यक्ति ने उनके चांटा मार दिया फिर क्या था नेताजी के समर्थकों, भीड़ व पुलिस प्रषासन में झड़प हो गई इस झड़प में पुलिस ने नेताजी को जमीन पर लिटाकर इतना मारा कि उन्हें तुरंत इलाज के भोपाल के हमीदिया अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। वही उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ डीजीपी ने जांच करने के निर्देष दिए हैं। लेकिन भारतीय पुलिस ने यह बता दिया कि हमसे बड़ा कोई भी गुंडा नहीं है हम चाहें तो उसे छोड़ दें या उसे इतना मारे कि वह अस्पताल में भर्ती हो जाए या मर जाए, उन्हें कोई मतलब नहीं। हम गुंडों badmashon से तो डरते हैं व नेताओं और आम जनता को परेषान कर बहुत बड़े शूरवीर बनते हैं जैसे कि मानो कोई तीर मार लिया हो। मध्य pradesh के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह को सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर उचित कार्यवाही करना चाहिए और पुलिस प्रषासन को आदेष दे कि वह जिस तरीके से नेताओं और आम आदमियों को परेषान करते हैं उन्हें परेषान करना छोड़ आतंकवादियों व गुंडे badmashon को पकड़ने में अपनी ऊर्जा खर्च करें जिससे कि भारतीय पुलिस का हमारे desh में नाम होगा। हमारे desh की जनता गुंडों से ज्यादा पुलिस से डरती है क्योंकि पुलिस उनके सब गुंडों से भी ज्यादा खराब व्यवहार करती है।

8 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

dono ka apna apna rob tha, is liye mamla bigad gya. or ho gya yah sab

MEDIA GURU said...

chitra sab bayan kar rahe hai. mauke ki nazakat ko pulic ne samjha aur dhun dala .

MEDIA GURU said...

chitra sab bayan kar rahe hai. mauke ki nazakat ko pulic ne samjha aur dhun dala .

राजेश उत्‍साही said...

bhopal ke akhabar kahte hani ki chanta pulis ne nahi netaji ke admiyio ne railway ke kisi adhikari ko mara tha.

राजेश उत्‍साही said...

bhopal ke akhabar kahte hai ki chanta pulis ne nahi netaji ke admi ne railway ke kisi adhikari ko mara tha.

Anonymous said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

मीडिया गुरु,
चित्र में डी टी सी बस भी दिख रही है, डी टी सी वालों ने बीना में भी बस चलाना शुरू कर दिया क्या,
वैसे ये दुर्घटना या घटना अखबारनवीस के लिए अपने अखबार के लिए चटनी से ज्यादा नही है.
जय जय भड़ास

वेद रत्न शुक्ल said...

सांसद बहुत महत्वपूर्ण शख्स होता है। देश के 545महत्वपूर्ण लोगों में से वह एक होता है। शायद सभी जानते हैं कि वह देश का नीति नियंता होता है, लोकतन्त्र का प्रहरी होता है। वह नेता होता है मात्र इसलिए पिट जाए यह जायज नहीं। दरअसल नेताओं के प्रति जनमानस में एक प्रकार का गुस्सा है। शायद इसीलिए आपने ऐसा लिखा। इस घटना में पुलिस की गुंडागर्दी जाहिर होती है। गिरफ्तारी आदि तमाम और हथकंडे पुलिस के पास थे लेकिन उसने धैर्य खो दिया और इस प्रकार का सर्वथा अनुचित काम अंजाम दिया।