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7.10.08

हिंदू धरम के ठेकेदार .............

गुजरात के दंगों से लेकर कंधमाल के हमलों तक.......मंगलोर के नन से, बंगलोर के चर्च तक ये हिंदू धर्म के ठेकेदार सिर्फ़ और सिर्फ़ आतंक ही फैला रहे हैं.......इनके आतंक की अगर निंदा करें तोह आपको आपका राष्ट्रधर्म बताया जाएगा........
हूर्दंगी दल (बजरंग दल) आज कल बलात्कार करते हैं और नाम लगाते हैं.....धरम परिवर्तन का.......हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, मैं हिंदू हूँ, कल को अगर मैं इस्लाम धर्म अपनाता हूँ तौ मेरी देश प्रेम पर सवाल उठाया जायेगा......क्या ज़बरदस्त कारण है.......

आरक्षण जब हिंदू मांग रहे थे (छोटे जात के) तब कोई धर्म प्यार नही उभरता है......कौन सा हिंदू .....कहाँ के हिंदू.....
हिंदू एक सभ्यता है......हृदेश जी आप बनिए हो हिंदू नही.........
जैसे पत्रकारिता मैं होते हुए भी आप के मन मैं जो दुर्भावनाएं है , चिंता जनक है .......
कम से कम लोग पत्रकारों से निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं.......
आप तोह हिंदू सभा के प्रवक्ता की भाषा बोल रहे हैं.........

हिंदुयों ने कभी भी धर्म के नाम पर अपने प्रतिनिधि नही को नही चुना है....... इतिहास के नाम पर रोने वाले लोगों के लिए आज की दुनिया मैं कोई जगह नही होनी चाहिए.......कल कुछ भी हुआ हो, आज से बदला जा सकता है....

लेकिन धर्म के ठेकेदारों , अपनी दुकानदारी बंद करो, इस देश के लोग बड़े ही धार्मिक स्वभाव के हैं.....लेकिन वो अपने पूजा करने की जगह पर, (चाहे मस्जिद हो, गुरुद्वारा हो, चर्च हो या फ़िर मन्दिर)

चाहे आप लाख कोशिश करो
ये देश गांधी का है
गांधी के विचारधारा की है....
यहाँ, गोडसे, हेडगेवार, मोदी, तोगडिया,
जैसे लोग बस कुंठाओं मैं जियेंगे
और मरेंगे
क्योंकि
हम हिन्दुस्तानी हैं
जय हिंद

6 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

nahi jee ye desh to aap jaise dharmnirpeksh logo ka hai jinko hinduo se alarjee hai

Anonymous said...

रंधीर भाई,
सही कहा आपने वैसे भी ये हिंदू के तमाम वोह ठेकेदार ही हैं जो बनिए हैं, लाला जी अगर धर्म कर्म पढायेंगे तो आप समझ सकते हैं, ये वोह कौम है जो मुग़ल से लेकर अंग्रेज तक के समय में अपनी दूकान चलता रहा है सो आज कैसे बंद कर ले, हाँ अब ये धार्मिक दूकान भी सुरु कर चुके हैं ये चिंता जनक हैं, क्यूंकि पता नही धर्म में कितना मिलावट करेंगे.

hradesh said...

randheer ji aap meri baat ko galat le rahe hai mein kisi k khilaaf nahi likh raha hoon. mein bhi jitna samman hindu dharm ka karta hoon utna hi islam ka, main jitna bhagwaan ko manta hoon utna hi aalha ko, guru grand sahab ko. lakin mujhe lagta hai ki aapne to kasam kha rakhi hai ki mere likhe ka galat aarth nikalna. main kisi ki tarif ya burai nahi kar raha hoon chahe wo rss, vishw hindu parishad or bajrang dal ho ya islam aab mere likhe ko galat disha de rahe hai aagar aapko lagta hai ki mei islam k khilaf hoon to please mera blog dekhe jisme maine navratri k saath id ki bhi mubarakbaad di hai or usi k saath maine phir n dehle delhi, raj chale hindi ki aur sabse mukhya to yeh ki bajrang dal par bhi pratibandh lagna chahiye or dushra bajrang dal par pratibandh namak yeh lekh hai jinhe paden phir aap mere ko comments bhejhe. kyoki jab maine bajrangdal k khilaf likha tha to aap to rajneesh bhai ne koi pratikriya nahi jatai thi lakin jab maine bajarang k hit mei likha to aap dono ko bnahut kura laga aakhir kyo aapko pehle mere sare aarticle padhna chahiye phir bolna chahiye.
jai hind, jai bharat........
mera blog hai www.polpatti.blogspot.com

Anonymous said...

mai nahin janta ki in ghatnao se pahle hone wale gup-chup yatnao aur shadyantron ke bare me aap ke kya vichar hain.Lekin itna malum chal gaya hai ki aap ki bhi soch paryapt sathi hai. Ek samanya "so called Secular" ban ne ki chahat me is tarah ke blog post karne se pahle shayad aap ne purv ke pidit hindu pariwaron ko dekha hota... ya un ghatnao ki gambhirta ke bare me sochte jinke pratifal me aisi ghatna hui hai. Mai kahin se bhi in ghatnao ke samarthan me nahin hun lekin ek chhoti si baat jarur hai jo mai kahna chahunga- "Pressure cooker aanch par rakhte hi siti nahin bajata, tapan sahne ki had se siti bajti hai. Aur kam se kam hamara hajaro warsh purana itihah to iska saksh hai.

RAJNISH PARIHAR said...

काश आपकी बात हिंदू धरम में पैदा हुए वे लोग समझ पाते जो सारे दिन अपने धरम को कोसते रहते है.....लेफ्ट के एक नेता है सीता राम येचुरी.....जो कहते है की कभी राम हुए ही नहीं ...राम स्र्तु का कोई अस्तित्व ही नही है....अब कोई उनसे पूछे की फ़िर आपका नाम सीता राम कैसे?अरे सिर्फ़ पर्सिधी के लिए ही जीना है तो बाज़ार में नंगे खड़े हो जाओ...बहुत परसिद्ध हो जाओगे.....लेकिन ये इनकी फितरत है ये सुधरेंगे नहीं.....रजनीश परिहार.....

Unknown said...

INDIA IS A SECULAR COUNTRY & EVERY PERSON HAS A LIBERTY TO LIVE IN EVERY RELIGION.
EVERY KIND OF VIOLENCE IS BAD FOR OUR DEMOCRACY.
BUT MY PERSONAL OPINION IS-
THE DEFINITION OF TERRORISIOM ACCORDING TO RSS,BJP,VHP,BAJRANG DAL,SHIVSHENA etc. IS-
"VIOLENCE AGAINST HINDU"