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3.2.08

भड़ासुक सवाल और भड़ासी गुरू के साप्ताहिक ज़वाब


१॰ बनारस से अनिता पूछती हैं कि आप अभिषेक बच्चन होते तो क्या करते?

भड़ासी गुरूः अपना अभिनय सुधारता और ऐश के साथ ऐश करता॰


२॰ जमशेदपुर से मंगीरामः पैसों के पेड़ होते तो क्या होता?

भड़ासी गुरूः खाद डालने के बड़े पैसे लगते॰ डॉलर, रूपयों, रूबल और पौंड इत्यादि की अलग-अलग कलम लगानी पड़ती॰


३॰ नोयडा से नीरूः गुस्सा नाक पर हो तो क्या करना चाहिए?

भड़ासी गुरूः नाक से मुँह में लाकर थूक देना चाहिए फिर भी बात ना बने तो नाक ही काट देनी चाहिए।


४॰ चेन्नई से चिंतारामः पति-पत्नी में लड़ाई क्यों होती है?

भड़ासी गुरूः कहते हैं कि प्यार और युध्द में सब जायज होता है, वो प्यार के लिए लड़ते हैं और लड़ाई के लिए प्यार करते हैं॰


५॰ मुम्बई से पियांक शर्माः समन्दर में पानी की जगह शराब होती तो?

भड़ासी गुरूः बेवड़े मैखानों में न लोटकर कहीं बीच पर लोटते और हरिवंश राय बच्चन जी को लिखना पड़ता- राह पकड़ तू समंदर की चलाचल, पा जायेगा मधुशाला॰


६॰ कोलकाता से कामिनी मुखर्जीः सबसे प्यारे दोस्त अगर धोखा दे दें तो?

भड़ासी गुरूः खुद से पूछना चाहिए कि सबसे प्यारा दोस्त, सच्चा दोस्त था भी कि नहीं?


७॰ दिल्ली से दिलरुबा चौबेः जिन्दगी में सबसे बेशकीमती चीज क्या है?

भड़ासी गुरूः चरित्र, शान्ति और किडनी।


८॰ गाजीपुर से डॉन जुआन फकीरः जार्ज बुश और मुशर्रफ में क्या सम्बन्ध है?

भड़ासी गुरूः वही जो एक बाप और बेटे में होता है॰ वही जो एक बॉस और चमचे में होता है॰


९॰ पाकिस्तान से सलाहुद्दीनः आप पाकिस्तान क्यों नहीं आना चाहेंगे?

भड़ासी गुरूः अपने से कैसे सोच लिया कि नहीं आंएगे? नीलोफर बख्तियार से मेरी बात चल रही है अभी आता हूँ॰


१०॰ जम्मू से शोभना डडवालः मनमोहन जी सबके चहेते कैसे हैं?

भड़ासी गुरूः अपनी आज्ञाकारिता के चलते॰

3 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

टी पार्टी(त्रिपाठी)जी,चलो जब आपने अपने आपको जगदगुरू घोषित कर दिया तो बता दीजिए कि दक्षिणा क्या चाहिए या सब मुफ़्त का है.....
जय भड़ास

।। ध्यानेन्द्र मणि त्रिपाठी ।। Dhyanendra M. Tripathi ।। said...

डॉ साहब, ये हौसला आफजाई है तो आपसे भी एक सवाल चाहूँगा वही गुरुदक्षिणा भी होगी॰ अभी ये कहना मुशकिल है कि भड़ासी गुरु, जगद्गुरु हैं या कस्बाईगुरु ? तमाम अवाम की भड़ासुक उल्टियों को साफ करने का काम ये बाबा करता रहेगा॰॰

जय भड़ास॰॰

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

टी पार्टी(त्रिपाठी)जी,हमने तो आपको जगदगुरू स्वीकार लिया है। चेले और पंटर लोग गुरुओं की हौसला आफ़जाई नही करते हैं बल्कि गुरू तो सब जानते हैं चेलों के सवालों को भी और उत्तरॊं को भी हमें तो इतनी भी अक़्ल नहीं कि क्या सवाल करना है तो प्रभु पहले सवाल उपजाने की समझ दीजिए फिर उत्तरों का सिलसिला शुरू करिएगा......
जै जै भड़ास