पिछले दो वर्षों से हिन्दी ब्लाग जगत को निरंतर पढा जा रहा है। ब्लाग की विधा आज हर जगह अपना परचम लहरा रही है। ब्लाग लेखन करने वालों को विभिन्न समाचार पत्र पत्रिकाओं में भी जगह मिल रही है। हिन्दी और अंग्रेजी का शायद ही कोई बड़ा समाचार पत्र होगा जिसमें हिन्दी ब्लागिंग के बारे में प्रति सप्ताह कुछ न कुछ न छपता हो। हिन्दी ब्लागिंग में अब वे प्रतिभाएं सामने आ रही हैं जो अभी तक कहीं छिपी हुई थीं क्योंकि देश और प्रदेश में प्रकाशित होने वाले पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाओं को स्थान नहीं मिल पाता था। अब विभिन्न विधाओं के ब्लाग उपलब्ध हैं चाहे वह कविता हो, संस्मरण हो या फिर बाल उद्यान या कहानियां। कुछ ऐसी रचनाएं भी देखने में आई हैं जो सीधे दिल में उतर कर कुछ सोचने और करने के लिये मजबूर करती हैं। मुझे कई ब्लागर साथियों ने कहा कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे कि ब्लाग लेखन करने वालों की पुस्तक का भी प्रकाशन किया जा सके। हमने काफी सोच विचार करके Tenth Planet Publication शुरू किया है, जिसमें केवल ब्लागरों की पुस्तकों का ही प्रकाशन किया जाएगा। सर्व प्रथम हम सहयोगाधार पर एक हिन्दी ब्लागर रचनावली का प्रकाशन करने के इच्छुक हैं जिसमें ३ खण्ड होंगे। पहले खण्ड में कविताएं, दूसरे खण्ड में कहानियां तथा तीसरे खण्ड में संस्मरण होंगे। आप सभी को ये विचार कैसा लगा कृपया हमें planetpublication@gmail.com पर ई-मेल कर बताएंगे तो आगे की योजना पर विचार किया जा सकेगा।
12.2.08
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7 comments:
सहोदरता से कितना लबरेज विचार है. मीठा व मदिरामयी तो है ही. ऊपर से चक्करघिन्नी भी है?.. कहां से चले आते हैं ऐसे विचार? फिर आकर वहीं बने भी रहते हैं?..
काउन्ट मी इन. मेरे व्यंज़लों को प्रकाशन के लिए राह मिल ही गई अंततः...
शुभकामनाएँ...
ap kaa blog kai baar dekh chuka hun pehle bhi app bahut aacha likhte hain
सुन्दर विचार है लेकिन रवि भाईसाहब इस कतार में सबसे पहले हैं आखिर हिन्दी ब्लागिंग के पुरोधा हैं वे और हम सब के लिये आदरणीय भी । उसके बाद हम सब चिल्लू-पिल्लू का नंबर है...
यह हुई ना बात....सौफ्ट से हार्ड बनने का रास्ता तो दिखाया।
यह हुई ना बात...सौफ्ट से हार्ड बनने का रास्ता।
अरे वाह, जबरदस्त चक्करघिनी है, विचार तो अति उत्तम है
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