थोड़ी सी पी शराब
थोड़ी उछाल दी
कुछ इस तरह से हमने
जवानी निकाल दी
हमने सिया है इश्क में होठों को इस तरह-3
जिसने भी दी जहां में हमारी मिसाल दी
थोड़ी सी पी शराब....
अब डर नहीं किसी का जमाने में दोस्तों-3
हमने तो दुश्मनी भी मोहब्बत में ढाल दी
थोड़ी सी पी शराब....
मैं चूर हूं नशे में, मुझे कुछ खबर नहीं-3
मुझपे निगाहे शोख कब तुमने डाल दी
थोड़ी सी पी शराब....
((गाया है गुलाम अली ने, रचनाकार का नाम नहीं मालूम))
20.2.08
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी
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2 comments:
han yshvant bhai yhi gana khoj rha tha , mja aa gya j
दादा,मौसम में आप लोगों ने शराब घोलनी शुरू कर दी है और अब मुझे पता है कि आप और अपने पंडित जी हरे प्रकाश कुछ गुलाबी प्रकाश फैलाने वाले हैं होली के मौसम में......जय हो
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